1. वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है?
मैग्नीशियम रिबन को वायु में जलाने से पहले साफ करना महत्वपूर्ण है क्योंकि वायुमंडल में खुला रखने पर, मैग्नीशियम धातु की सतह पर मैग्नीशियम ऑक्साइड (MgO) की एक पतली, निष्क्रिय परत बन जाती है। यह ऑक्साइड परत मैग्नीशियम को ऑक्सीजन के साथ सीधे संपर्क में आने से रोकती है और इसके जलने की प्रक्रिया को बाधित करती है, जिससे रिबन का जलना चमकदार लौ के साथ ठीक से नहीं जल पाता। सैंडपेपर से रगड़कर इस ऑक्साइड परत को हटा दिया जाता है, जिससे शुद्ध मैग्नीशियम धातु वायु में उपस्थित ऑक्सीजन के साथ तीव्रता से अभिक्रिया कर सके। ऑक्साइड परत हटने के बाद ही मैग्नीशियम रिबन एक चमकीली सफेद लौ के साथ जलता है और सफेद पाउडर (मैग्नीशियम ऑक्साइड) में परिवर्तित होता है।
2. निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए संतुलित समीकरण लिखिए:
i) हाइड्रोजन + क्लोरीन → हाइड्रोजन क्लोराइड
संतुलित समीकरण: H₂(g) + Cl₂(g) → 2HCl(g)
(ii) बेरियम क्लोराइड + एल्यूमीनियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + एल्यूमीनियम क्लोराइड
संतुलित समीकरण: 3BaCl₂(aq) + Al₂(SO₄)₃(aq) → 3BaSO₄(s) + 2AlCl₃(aq)
(iii) सोडियम + जल → सोडियम हाइड्रॉक्साइड + हाइड्रोजन
संतुलित समीकरण: 2Na(s) + 2H₂O(l) → 2NaOH(aq) + H₂(g)
3. निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए उनकी अवस्था के संकेतों के साथ संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए:
(i) जल में बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट के विलयन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अघुलनशील बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनाते हैं।
यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया है जिसमें अवक्षेप बनता है, इसलिए इसे अवक्षेपण अभिक्रिया भी कहते हैं।
संतुलित समीकरण (अवस्था संकेतों के साथ): Na₂SO₄(aq) + BaCl₂(aq) → BaSO₄(s) + 2NaCl(aq)
(ii) सोडियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन (जल में) हाइड्रॉक्लोरिक अम्ल के विलयन (जल में) से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा जल बनाते हैं।
स्रोत में इस अभिक्रिया का सीधा संतुलित समीकरण अवस्था संकेतों के साथ नहीं दिया गया है। यह एक उदासीनीकरण अभिक्रिया का उदाहरण है।
संतुलित समीकरण (अवस्था संकेतों के साथ): NaOH(aq) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l)
4. किसी पदार्थ 'X' के विलयन का उपयोग सफेदी करने के लिए होता है।
(i) पदार्थ 'X' का नाम तथा इसका सूत्र लिखिए।
(ii) ऊपर (i) में लिखे पदार्थ 'X' की जल के साथ अभिक्रिया लिखिए।
(i) पदार्थ 'X' का नाम तथा इसका सूत्र:
पदार्थ 'X' कैल्शियम ऑक्साइड (बिना बुझा चूना) है।
इसका सूत्र CaO है।
(ii) पदार्थ 'X' की जल के साथ अभिक्रिया:
जब कैल्शियम ऑक्साइड जल के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करता है, तो यह बुझा हुआ चूना (कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड) बनाता है और बड़ी मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है।
अभिक्रिया: CaO(s) + H₂O(l) → Ca(OH)₂(aq) + ऊष्मा
कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड के विलयन का उपयोग दीवारों की सफेदी करने के लिए किया जाता है।
5. क्रियाकलाप 1.7 में, एक परखनली में एकत्रित गैस की मात्रा दूसरी से दोगुनी क्यों है? उस गैस का नाम बताइए।
क्रियाकलाप 1.7 जल के विद्युत-अपघटन का वर्णन करता है।
जल के विद्युत-अपघटन में, हाइड्रोजन गैस की मात्रा ऑक्सीजन गैस की मात्रा से दोगुनी होती है।
यह इसलिए है क्योंकि जल (H₂O) में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन परमाणुओं का अनुपात 2:1 होता है।
वह गैस जिसकी मात्रा दोगुनी होती है, हाइड्रोजन (H₂) है।
6. जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है, तो लोहे (Fe) द्वारा कॉपर (Cu) को कॉपर सल्फेट (CuSO₄) के विलयन से विस्थापित कर दिया जाता है।
यह एक विस्थापन अभिक्रिया है।
अभिक्रिया इस प्रकार होती है: Fe(s) + CuSO₄(aq) → FeSO₄(aq) + Cu(s)
इस अभिक्रिया के कारण, कॉपर सल्फेट के नीले रंग का विलयन आयरन सल्फेट (FeSO₄) बनने के कारण मलिन (हल्का हरा) हो जाता है, और लोहे की कील पर भूरे रंग की कॉपर की परत चढ़ जाती है।
7. क्रियाकलाप 1.10 से भिन्न द्विविस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
द्विविस्थापन अभिक्रिया वह होती है जिसमें अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है।
क्रियाकलाप 1.10 में सोडियम सल्फेट और बेरियम क्लोराइड की अभिक्रिया का उदाहरण दिया गया है।
एक अन्य उदाहरण, जैसा कि क्रियाकलाप 1.2 में उल्लेख किया गया है, लेड (II) नाइट्रेट और पोटेशियम आयोडाइड के विलयनों को मिश्रित करना है।
अभिक्रिया: Pb(NO₃)₂(aq) + 2KI(aq) → PbI₂(s) + 2KNO₃(aq)
इस अभिक्रिया में लेड आयोडाइड (PbI₂) का पीला अवक्षेप बनता है।
8. निम्न अभिक्रियाओं में उपचयित तथा अपचयित पदार्थों की पहचान कीजिए:
(i) 4Na(s) + O₂(g) → 2Na₂O(s)
(ii) CuO(s) + H₂(g) → Cu(s) + H₂O(l)
उपचयन वह प्रक्रिया है जिसमें किसी पदार्थ में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है या हाइड्रोजन का ह्रास होता है।
अपचयन वह प्रक्रिया है जिसमें किसी पदार्थ में ऑक्सीजन का ह्रास होता है या हाइड्रोजन की वृद्धि होती है।
(i) 4Na(s) + O₂(g) → 2Na₂O(s)
उपचयित पदार्थ: सोडियम (Na), क्योंकि इसमें ऑक्सीजन जुड़ रहा है (सोडियम ऑक्साइड बन रहा है) [बाहरी जानकारी]।
अपचयित पदार्थ: ऑक्सीजन (O₂), क्योंकि यह सोडियम के साथ जुड़कर अपचयित हो रहा है [बाहरी जानकारी]।
(ii) CuO(s) + H₂(g) → Cu(s) + H₂O(l)
उपचयित पदार्थ: हाइड्रोजन (H₂), क्योंकि इसमें ऑक्सीजन की वृद्धि हो रही है (जल बन रहा है)।
अपचयित पदार्थ: कॉपर (II) ऑक्साइड (CuO), क्योंकि इसमें ऑक्सीजन का ह्रास हो रहा है (कॉपर बन रहा है)।
. नीचे दी गई अभिक्रिया के संबंध में कौन सा कथन असत्य है?
2PbO(s) + C(s) → 2Pb(s) + CO₂(g)
(a) सीसा अपचयित हो रहा है।
(b) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है।
(c) कार्बन उपचयित हो रहा है।
(d) लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है।
(i) (a) एवं (b)
(ii) (a) एवं (c)
(iii) (a), (b), एवं (c)
(iv) सभी
अभिक्रिया: 2PbO(s) + C(s) → 2Pb(s) + CO₂(g)
यहाँ PbO से Pb बन रहा है, जिसका अर्थ है कि PbO से ऑक्सीजन का ह्रास हो रहा है। अतः, PbO अपचयित हो रहा है। (कथन d सत्य है)
यहाँ C से CO₂ बन रहा है, जिसका अर्थ है कि C में ऑक्सीजन की वृद्धि हो रही है। अतः, कार्बन (C) उपचयित हो रहा है। (कथन c सत्य है)
कथन (a) "सीसा (Pb) अपचयित हो रहा है" असत्य है, क्योंकि सीसा तो उत्पाद है; लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है।
कथन (b) "कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) उपचयित हो रहा है" असत्य है, क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड तो उत्पाद है; कार्बन उपचयित हो रहा है।
इसलिए, असत्य कथन (a) और (b) हैं।
सही विकल्प: (i) (a) एवं (b)
10. Fe₂O₃ + 2Al → Al₂O₃ + 2Fe
ऊपर दी गई अभिक्रिया किस प्रकार की है?
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(c) वियोजन अभिक्रिया
(d) विस्थापन अभिक्रिया
इस अभिक्रिया में, एल्यूमीनियम (Al) ने आयरन (Fe) को आयरन (III) ऑक्साइड (Fe₂O₃) से विस्थापित कर दिया है।
जब एक तत्व दूसरे तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित करता है, तो ऐसी अभिक्रिया को विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
सही विकल्प: (d) विस्थापन अभिक्रिया
11. लौह-चूर्ण पर तनु हाइड्रॉक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है? सही उत्तर पर निशान लगाइए।
(a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है।
(b) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रॉक्साइड बनता है।
(c) कोई अभिक्रिया नहीं होती है।
(d) आयरन लवण एवं जल बनता है।
धातुओं की तनु अम्ल के साथ अभिक्रियाएँ विस्थापन अभिक्रियाएँ होती हैं, जहाँ धातु हाइड्रोजन को अम्ल से विस्थापित करती है।
आयरन (Fe) हाइड्रोजन से अधिक क्रियाशील धातु है।
जब लौह-चूर्ण पर तनु हाइड्रॉक्लोरिक अम्ल डाला जाता है, तो हाइड्रोजन गैस और आयरन क्लोराइड बनता है।
अभिक्रिया: Fe(s) + 2HCl(aq) → FeCl₂(aq) + H₂(g) [बाहरी जानकारी - हालांकि, स्रोत में जिंक + सल्फ्यूरिक अम्ल का उदाहरण दिया गया है, जो समान प्रकार की विस्थापन अभिक्रिया है।]
सही विकल्प: (a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है।
12. संतुलित रासायनिक समीकरण क्या है? रासायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है?
संतुलित रासायनिक समीकरण: एक रासायनिक समीकरण को संतुलित तब कहा जाता है जब तीर के निशान के दोनों ओर (अभिकारक और उत्पाद की ओर) प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान होती है।
आवश्यकता: रासायनिक समीकरण को संतुलित करना इसलिए आवश्यक है क्योंकि यह द्रव्यमान के संरक्षण के नियम का पालन करता है। इस नियम के अनुसार, किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है और न ही विनाश। दूसरे शब्दों में, अभिक्रिया से पहले और बाद में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान रहनी चाहिए।
13. निम्न कथनों को रासायनिक समीकरण के रूप में परिवर्तित कर उन्हें संतुलित कीजिए।
(a) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाता है।
यह एक संयोजन अभिक्रिया है।
समीकरण: N₂(g) + 3H₂(g) → 2NH₃(g)
(b) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड बनता है।
समीकरण: 2H₂S(g) + 3O₂(g) → 2H₂O(l) + 2SO₂(g)
(c) एल्यूमीनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया कर बेरियम क्लोराइड, एल्यूमीनियम क्लोराइड एवं बेरियम सल्फेट का अवक्षेप देता है।
यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया और अवक्षेपण अभिक्रिया है।
समीकरण: 3BaCl₂(aq) + Al₂(SO₄)₃(aq) → 3BaSO₄(s) + 2AlCl₃(aq)
(d) पोटेशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस देती है।
यह एक विस्थापन अभिक्रिया है।
समीकरण: 2K(s) + 2H₂O(l) → 2KOH(aq) + H₂(g)
14. निम्न रासायनिक समीकरणों को संतुलित कीजिए:
(a) HNO₃ + Ca(OH)₂ → Ca(NO₃)₂ + H₂O
संतुलित: 2HNO₃ + Ca(OH)₂ → Ca(NO₃)₂ + 2H₂O
(b) NaOH + H₂SO₄ → Na₂SO₄ + H₂O
संतुलित: 2NaOH + H₂SO₄ → Na₂SO₄ + 2H₂O
(c) NaCl + AgNO₃ → AgCl + NaNO₃
संतुलित: NaCl + AgNO₃ → AgCl + NaNO₃ (यह पहले से संतुलित है)
(d) BaCl₂ + H₂SO₄ → BaSO₄ + HCl
संतुलित: BaCl₂ + H₂SO₄ → BaSO₄ + 2HCl
---
15. निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए:
(a) कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड → कैल्शियम कार्बोनेट + जल
समीकरण: Ca(OH)₂(aq) + CO₂(g) → CaCO₃(s) + H₂O(l)
(b) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
समीकरण: Zn(s) + 2AgNO₃(aq) → Zn(NO₃)₂(aq) + 2Ag(s)
(c) एल्यूमीनियम + कॉपर क्लोराइड → एल्यूमीनियम क्लोराइड + कॉपर
समीकरण: 2Al(s) + 3CuCl₂(aq) → 2AlCl₃(aq) + 3Cu(s)
(d) बेरियम क्लोराइड + पोटेशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटेशियम क्लोराइड
समीकरण: BaCl₂(aq) + K₂SO₄(aq) → BaSO₄(s) + 2KCl(aq)
16. निम्न अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए एवं प्रत्येक अभिक्रिया का प्रकार बताइए।
(a) पोटेशियम ब्रोमाइड (aq) + बेरियम आयोडाइड (aq) → पोटेशियम आयोडाइड (aq) + बेरियम ब्रोमाइड (s)
समीकरण: 2KBr(aq) + BaI₂(aq) → 2KI(aq) + BaBr₂(s)
प्रकार: द्विविस्थापन अभिक्रिया और अवक्षेपण अभिक्रिया
(b) जिंक कार्बोनेट(s) → जिंक ऑक्साइड (s) + कार्बन डाइऑक्साइड (g)
समीकरण: ZnCO₃(s) → ZnO(s) + CO₂(g)
प्रकार: वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया
(c) हाइड्रोजन(g) + क्लोरीन (g) → हाइड्रोजन क्लोराइड (g)
समीकरण: H₂(g) + Cl₂(g) → 2HCl(g)
प्रकार: संयोजन अभिक्रिया
(d) मैग्नीशियम(s) + हाइड्रॉक्लोरिक अम्ल(aq) → मैग्नीशियम क्लोराइड(aq) + हाइड्रोजन (g)
समीकरण: Mg(s) + 2HCl(aq) → MgCl₂(aq) + H₂(g)
प्रकार: विस्थापन अभिक्रिया
17. ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है? उदाहरण दीजिए।
ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ (Exothermic reactions): वे अभिक्रियाएँ जिनमें उत्पादों के निर्माण के साथ-साथ ऊष्मा भी उत्पन्न होती है।
उदाहरण:
कैल्शियम ऑक्साइड (बिना बुझा चूना) की जल से अभिक्रिया: CaO(s) + H₂O(l) → Ca(OH)₂(aq) + ऊष्मा
प्राकृतिक गैस का दहन: CH₄(g) + 2O₂(g) → CO₂(g) + 2H₂O(g) + ऊर्जा
शाक-सब्जियों का विघटित होकर कंपोस्ट बनना।
ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ (Endothermic reactions): वे अभिक्रियाएँ जिनमें ऊर्जा अवशोषित होती है। अभिकारकों को तोड़ने के लिए ऊष्मा, प्रकाश या विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
उदाहरण:
फेरस सल्फेट का अपघटन: 2FeSO₄(s) → Fe₂O₃(s) + SO₂(g) + SO₃(g) (ऊष्मा की आवश्यकता होती है)
लेड नाइट्रेट का तापन: 2Pb(NO₃)₂(s) → 2PbO(s) + 4NO₂(g) + O₂(g) (ताप की आवश्यकता होती है)
अमोनियम क्लोराइड का जल में घुलना।
18. श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं? वर्णन कीजिए।
श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें ऊर्जा उत्पन्न होती है।
हमें जीवित रहने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जो हमें भोजन से प्राप्त होती है।
पाचन क्रिया के दौरान, खाद्य पदार्थ छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाते हैं (जैसे कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज में टूट जाते हैं)।
यह ग्लूकोज हमारे शरीर की कोशिकाओं में उपस्थित ऑक्सीजन से मिलकर ऊर्जा प्रदान करता है।
यह अभिक्रिया इस प्रकार है: C₆H₁₂O₆(aq) + 6O₂(aq) → 6CO₂(aq) + 6H₂O(l) + ऊर्जा
चूँकि इस प्रक्रिया में ऊर्जा (ऊष्मा) का उत्सर्जन होता है, अतः इसे ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया माना जाता है।
19. वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहा जाता है? इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए।
वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत कहा जाता है क्योंकि:
संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से अधिक पदार्थ (तत्व या यौगिक) मिलकर एक एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं।
उदाहरण: C(s) + O₂(g) → CO₂(g)
वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया में एक एकल अभिकारक टूटकर दो या दो से अधिक सरल उत्पाद प्रदान करता है।
उदाहरण: CaCO₃(s) → CaO(s) + CO₂(g)
इस प्रकार, संयोजन में पदार्थ जुड़ते हैं और वियोजन में टूटते हैं, जो एक-दूसरे के विपरीत प्रक्रियाएँ हैं.
20. उन वियोजन अभिक्रियाओं के एक-एक समीकरण लिखिए जिनमें ऊष्मा, प्रकाश एवं विद्युत के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है।
(i) ऊष्मा द्वारा वियोजन (ऊष्मीय वियोजन):
जब लेड नाइट्रेट को गर्म किया जाता है: 2Pb(NO₃)₂(s) → 2PbO(s) + 4NO₂(g) + O₂(g)
(ii) प्रकाश द्वारा वियोजन (प्रकाश-रासायनिक वियोजन):
सिल्वर क्लोराइड का सूर्य के प्रकाश में वियोजन: 2AgCl(s) → 2Ag(s) + Cl₂(g)
सिल्वर ब्रोमाइड का सूर्य के प्रकाश में वियोजन: 2AgBr(s) → 2Ag(s) + Br₂(g)
(iii) विद्युत द्वारा वियोजन (विद्युत-अपघटन):
जल का विद्युत-अपघटन: 2H₂O(l) → 2H₂(g) + O₂(g)
21. विस्थापन एवं द्विविस्थापन अभिक्रियाओं में क्या अंतर है? इन अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए।
विस्थापन अभिक्रिया (Displacement reaction):
इस अभिक्रिया में एक अधिक क्रियाशील तत्व दूसरे कम क्रियाशील तत्व को उसके यौगिक के विलयन से विस्थापित कर देता है या हटा देता है।
उदाहरण: Fe(s) + CuSO₄(aq) → FeSO₄(aq) + Cu(s) (यहाँ आयरन ने कॉपर को विस्थापित किया है।)
द्विविस्थापन अभिक्रिया (Double displacement reaction):
इस अभिक्रिया में अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है। इसमें आमतौर पर एक अवक्षेप बनता है।
उदाहरण: Na₂SO₄(aq) + BaCl₂(aq) → BaSO₄(s) + 2NaCl(aq) (यहाँ सोडियम आयन ने बेरियम आयन से और सल्फेट आयन ने क्लोराइड आयन से स्थान बदल लिया है।)
22. सिल्वर के शोधन में, सिल्वर नाइट्रेट के विलयन से सिल्वर प्राप्त करने के लिए कॉपर धातु द्वारा विस्थापन किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए अभिक्रिया लिखिए।
यह एक विस्थापन अभिक्रिया है जहाँ कॉपर, सिल्वर नाइट्रेट के विलयन से सिल्वर को विस्थापित करता है, क्योंकि कॉपर सिल्वर से अधिक क्रियाशील है।
अभिक्रिया: Cu(s) + 2AgNO₃(aq) → Cu(NO₃)₂(aq) + 2Ag(s)
23. अवक्षेपण अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरण देकर समझाइए।
अवक्षेपण अभिक्रिया (Precipitation reaction): वह अभिक्रिया जिसमें जल में अघुलनशील एक सफेद पदार्थ (अवक्षेप) का निर्माण होता है। इस अघुलनशील पदार्थ को अवक्षेप कहते हैं।
उदाहरण: जब सोडियम सल्फेट विलयन को बेरियम क्लोराइड विलयन के साथ मिलाया जाता है, तो बेरियम सल्फेट (BaSO₄) का सफेद अवक्षेप बनता है।
अभिक्रिया: Na₂SO₄(aq) + BaCl₂(aq) → BaSO₄(s) + 2NaCl(aq)
इस अभिक्रिया में, Ba²⁺ और SO₄²⁻ आयनों की अभिक्रिया से BaSO₄ का अवक्षेप बनता है।
24. ऑक्सीजन के योग या ह्रास के आधार पर निम्न पदों की व्याख्या कीजिए। प्रत्येक के लिए दो उदाहरण दीजिए।
(a) उपचयन (b) अपचयन
(a) उपचयन (Oxidation):
जब किसी पदार्थ में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है।
जब किसी पदार्थ से हाइड्रोजन का ह्रास होता है।
उदाहरण:
कॉपर का कॉपर ऑक्साइड में उपचयन: 2Cu + O₂ → 2CuO
कार्बन का कार्बन मोनोऑक्साइड में उपचयन: ZnO + C → Zn + CO (यहाँ C का CO में उपचयन हो रहा है)
(b) अपचयन (Reduction):
जब किसी पदार्थ में ऑक्सीजन का ह्रास होता है।
जब किसी पदार्थ में हाइड्रोजन की वृद्धि होती है।
उदाहरण:
कॉपर (II) ऑक्साइड का कॉपर में अपचयन: CuO + H₂ → Cu + H₂O (यहाँ CuO का Cu में अपचयन हो रहा है)
जिंक ऑक्साइड का जिंक में अपचयन: ZnO + C → Zn + CO (यहाँ ZnO का Zn में अपचयन हो रहा है)
25. एक भूरे रंग का चमकदार तत्व 'X' को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर वह काले रंग का हो जाता है। इस तत्व 'X' एवं उस काले रंग के यौगिक का नाम बताइए।
तत्व 'X' कॉपर (तांबा) है। यह भूरे रंग का चमकदार होता है।
जब कॉपर को वायु की उपस्थिति में गर्म किया जाता है, तो यह वायु में उपस्थित ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके कॉपर (II) ऑक्साइड (CuO) बनाता है।
यह कॉपर (II) ऑक्साइड काले रंग का पदार्थ होता है।
अभिक्रिया: 2Cu + O₂ → 2CuO
26. लोहे की वस्तुओं को हम पेंट क्यों करते हैं?
स्रोत में लोहे पर जंग लगने (संक्षारण) की समस्या का वर्णन किया गया है। लोहे की बनी नई वस्तुएँ चमकदार होती हैं लेकिन कुछ समय बाद उन पर लालीमायुक्त भूरे रंग की परत चढ़ जाती है, जिसे जंग लगना कहते हैं। यह संक्षारण कार के ढाँचों, पुलों, लोहे की रेलिंग, जहाजों और लोहे से बनी अन्य वस्तुओं को क्षति पहुँचाता है।
स्रोत में सीधे तौर पर यह नहीं बताया गया है कि पेंट करने से जंग कैसे रुकती है, लेकिन यह स्पष्ट है कि संक्षारण एक गंभीर समस्या है जिससे बचाने के लिए उपायों की आवश्यकता होती है। पेंट एक सुरक्षात्मक परत के रूप में कार्य करता है जो लोहे को नमी और हवा के संपर्क में आने से रोकता है, जिससे संक्षारण धीमा हो जाता है। (यह भाग स्रोत से बाहर की जानकारी है, क्योंकि स्रोत केवल संक्षारण का वर्णन करता है, उसके समाधान का नहीं)।
27. तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है?
तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित (फ्लश) किया जाता है ताकि उन्हें विकृतगंधिता (rancidity) से बचाया जा सके।
जब तेल और वसा का उपचयन (oxidation) होता है, तो वे विकृतगंधित हो जाते हैं और उनका स्वाद तथा गंध बदल जाते हैं।
नाइट्रोजन एक कम सक्रिय गैस है, जो खाद्य पदार्थों में वसा और तेल के उपचयन को धीमा कर देती है, जिससे वे लंबे समय तक ताजे बने रहते हैं। चिप्स बनाने वाले आमतौर पर चिप्स के थैलों में ऑक्सीजन हटाकर नाइट्रोजन जैसी गैस भर देते हैं ताकि चिप्स का उपचयन न हो सके।
28. निम्न पदों का वर्णन कीजिए तथा प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए:
(a) संक्षारण (b) विकृतगंधिता
(a) संक्षारण (Corrosion):
वर्णन: जब कोई धातु अपने आसपास अम्ल, आर्द्रता (नमी) आदि के संपर्क में आती है, तो वह संक्षारित होने लगती है और इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं। यह धातुओं की सतह पर अवांछित परत के निर्माण का कारण बनता है।
उदाहरण: लोहे पर जंग लगना (लाल-भूरे रंग की परत), चाँदी के ऊपर काली परत चढ़ना, तथा ताँबे के ऊपर हरी परत चढ़ना।
(b) विकृतगंधिता (Rancidity):
वर्णन: जब वसायुक्त अथवा तैलीय खाद्य सामग्री को लंबे समय तक खुला रखा जाता है, तो उनमें उपस्थित तेल और वसा का वायुमंडलीय ऑक्सीजन द्वारा उपचयन (oxidation) हो जाता है। इस उपचयन के कारण उनका स्वाद और गंध बदल जाते हैं। इस प्रक्रिया को विकृतगंधिता कहते हैं।
उदाहरण: चिप्स या अन्य तैलीय स्नैक्स का बासी या खराब गंध वाला हो जाना, यदि उन्हें हवा के संपर्क में छोड़ दिया जाए।
(i) Hydrogen + Chlorine → Hydrogen chloride
(ii) Barium chloride + Aluminium sulphate → Barium sulphate +
Aluminium chloride
(iii) Sodium + Water → Sodium hydroxide + Hydrogen
Here are the balanced chemical equations for the given reactions:
(i) Hydrogen + Chlorine → Hydrogen chloride
\[
\text{H}_2 + \text{Cl}_2 \rightarrow 2\text{HCl}
\]
(ii) Barium chloride + Aluminium sulphate → Barium sulphate + Aluminium chloride
\[
3\text{BaCl}_2 + \text{Al}_2(\text{SO}_4)_3 \rightarrow 3\text{BaSO}_4 + 2\text{AlCl}_3
\]
(iii) Sodium + Water → Sodium hydroxide + Hydrogen
\[
2\text{Na} + 2\text{H}_2\text{O} \rightarrow 2\text{NaOH} + \text{H}_2
\]
Both reactions are now balanced with respect to the number of atoms of each element on both sides.
Magnesium ribbon should be cleaned before burning to remove the thin layer of magnesium oxide that forms on its surface due to exposure to air. This oxide layer is stable and prevents the magnesium from reacting efficiently with oxygen during burning. By cleaning the ribbon, typically by rubbing it with sandpaper, you remove this oxide layer, allowing the magnesium to burn more readily and completely, producing a bright white flame and forming magnesium oxide.
The burning of a magnesium ribbon in air is a classic chemistry experiment that demonstrates the reaction between magnesium and oxygen to form magnesium oxide. Here’s a step-by-step guide:
Materials Needed:
- Magnesium ribbon
- Tongs
- Bunsen burner or spirit lamp
- Watch-glass
- Sandpaper (optional, for cleaning the ribbon)
Procedure:
- Preparation of Magnesium Ribbon: If the magnesium ribbon is tarnished (appears dull), use sandpaper to clean it by rubbing gently. This removes the oxide layer and ensures the ribbon burns more easily.
- Lighting the Bunsen Burner: Light the Bunsen burner and adjust it to get a blue, non-luminous flame.
- Burning the Magnesium Ribbon:
- Using tongs, hold one end of the magnesium ribbon and bring the other end into the flame. The magnesium ribbon will ignite, emitting a bright white light. Avoid looking directly at the flame, as the light is intense.
- As the magnesium burns, it reacts with oxygen in the air to form magnesium oxide (MgO).
Chemical Equation:
\[
2\text{Mg} + \text{O}_2 \rightarrow 2\text{MgO}
\]
- Collection of Magnesium Oxide:**
- Hold the burning ribbon over a watch-glass. As the reaction progresses, a white powder (magnesium oxide) will form and fall onto the watch-glass.
- Once the ribbon has completely burned, place any remaining ashes or residue onto the watch-glass.
- Observation:**
- Observe the white powder (magnesium oxide) collected on the watch-glass. This powder is the product of the combustion of magnesium in oxygen.
Safety Precautions:
- Do not look directly at the burning magnesium as it emits an intense light that can harm your eyes.
- Handle the hot ribbon and magnesium oxide with care to avoid burns.
- Conduct the experiment in a well-ventilated area.
This experiment vividly illustrates a chemical reaction involving combustion and the formation of a compound from an element and oxygen.